एक लड़की के ब्वॉय फ्रेंड की शादी उसी के सहेली से हो जाती है.. शादी के बाद उस लड़की के दिल में कैसा अनूठा मिश्रित भाव होता है.. एक तरफ सीने में दर्द है, दूसरी तरफ सहेली को विदा कर रही है, दुआ-सलाह भी दे रही है.. देखिए कवि ने कितना सुन्दर चित्रण किया है इस हृदय विदारक दृश्य का... जा सखी जा, आज तेरी चुदाई है, चोदने वाला तुझको, मेरा ही सनम हरजाई है, जा सखी जा, आज तेरी चुदाई है... जिस बिस्तर पे चुदती थी मैं, वो सखी अब तेरा है, लंड भी वो अब तेरा है, बस सपनो में ही मेरा है.. उस बिस्तर पे पटक के सखी, जब तेरा वस्त्र उतारेगा, चुत तो तेरी गीली होगी, दिल मेरा भर जायेगा... फिर वही चुदाई के किस्से, याद मुझे अब आई है, जा सखी जा, आज तेरी चुदाई है... बहुत चुतिया है वो कमीना, बुब्स बहुत ही चुसेगा, संभल जरा रहना रे सखी तू, लंड जब मूँह में ठूसेगा.. चुत तेरा वो चाट चाट के, लाल सखी कर जायेगा, सच कहती हूँ मेरी तरह ही, बहुत मजा तुझे आयेगा.. दर्द, प्यास के जुडवा मिश्रण, आँख व चुत भर आई है, जा सखी जा, आज तेरी चुदाई है.. चुत फाड़ के जब वो तेरा, बमपिलाट लंड पेलेगा, फच्च फच्च की मध